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शंघाई सहयोग संगठन

 शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना  

शंघाई 5 की स्थापना 1996 में 5 देशों चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और तजाकिस्तान द्वारा शंघाई में की गयी। 2001 में इसमें उज्बेकिस्तान को शामिल किया गया और इसका नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) कर दिया गया। 

वर्तमान में  SCO के कितने  सदस्य देश हैं ?

वर्तमान में SCO में 10 पूर्णकालिक सदस्य देश  हैं :
1.  चीन
2.  रूस
3.  कजाकिस्तान
4.  किर्गिस्तान
5.  तजाकिस्तान
6.  उज्बेकिस्तान
7.  भारत (2017)
8.  पाकिस्तान (2017)
9.  ईरान (2023)
10. बेलारूस (2024)

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का महत्व 

SCO  में वैश्विक आबादी का लगभग 40% वैश्विक जीडीपी का लगभग 30% और दुनिया के भूमि  क्षेत्र का लगभग 22% है।  इस संगठन की महत्वपूर्ण उपलब्धि क्षेत्रीय आतंकवादरोधी संरचना(RATS)  की एक  संस्थान के रूप में स्थापना करना है। यह संस्थान आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों पर  ख़ुफ़िया जानकारी साझा कर सुरक्षा  और स्थिरता के लिए सहयोग को समन्वित करता है। 

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) : लक्ष्य और उद्देश्य

SCO का  लक्ष्य  निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करना है -
  • सुरक्षा सम्बन्धी चिंताए
  • सीमा मुद्दों का समाधान करना
  • सैन्य सहयोग
  • इंटेलिजेंस शेयरिंग
  • आतंकवाद का मुकाबला करना
  • मध्य एशिया  में अमेरिकी प्रभाव को कम करना 

SCO में भारत 

SCO भारत को अपने पुराने और विश्वसनीय सहयोगी रूस के साथ साथ अपने कूटनीतिक प्रतिद्वंदियों चीन  और पाकिस्तान के साथ जुड़ने के लिए मंच प्रदान करता है। मध्य एशिया अधिकांशतः भू आबद्ध क्षेत्र है। अतः यहाँ के देशों के संसाधनों तक पहुंच बनाना  कठिन है। SCO  में शामिल होना भारत को मध्य एशियाई देशों से जोड़ने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे भारत को बाजार, प्रौद्योगिकी और निवेश के नए अवसर मिलेंगे जो देश की आर्थिक प्रगति में  सहायक होंगे। 

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