थारू जनजाति बिहार, उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते है। मकानों को आमतौर पर मिट्टी, लकड़ी, घास द्वारा बनाया जाता है।थारू समुदाय की महिलाओं को संपत्ति में ज्यादा मजबूत अधिकार प्राप्त है।
निवास स्थान
शिवालिक या निम्न हिमालय के तराई क्षेत्र दक्षिण नेपाल
बिहार - चम्पारण
उत्तराखंड - उधम सिंह नगर
उत्तर प्रदेश - गोंडा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, बलरामपुर, पीलीभीत
आजीविका
अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए वनों पर आश्रित होते हैं जिससे ये पशुपालन शिकार तथा वन उत्पाद इक्कठा करते हैं। हालाँकि समुदाय के अन्य लोग कृषि भी करते हैं।
भाषा
थारू भाषा ।
बरना त्योहार
यह त्योहार बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले के थारू आदिवासियों द्वारा मनाया जाता है। प्रतिवर्ष श्रावण के महीने में थारू आदिवासियों द्वारा 60 घंटे के बरना का पालन किया जाता है। इस दौरान न तो कोई गांव में आता है न ही कोई अपने घरों से बाहर निकलता है।
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